में मानूं क्यूँ में ठानू क्यूँ जब दर्शन ना दे सकता तू सब बोलते हैं अंतर्यामी जब भाव धधकते ज्वाला से ... में मानूं क्यूँ में ठानू क्यूँ जब दर्शन ना दे सकता तू सब बोलते हैं अंतर्यामी जब ...
लफ्ज़ मिलते ही नहीं, जब भी तू करीब होता है। लफ्ज़ मिलते ही नहीं, जब भी तू करीब होता है।
आंखों में नमी होंठों पर खुशी का एहसास है, बाकी सारी दुनिया लगती नहीं रास है जब तू मे आंखों में नमी होंठों पर खुशी का एहसास है, बाकी सारी दुनिया लगती नहीं रास ह...
बचपन से देखी एक मूर्त कहते जिसे हम माँ की सूरत, थामकर उंगली ,सिखाया चलना दिखाया प बचपन से देखी एक मूर्त कहते जिसे हम माँ की सूरत, थामकर उंगली ,सिखाया चलना...
कवि और मै कवि और मै दो जिंदगी के छोर है एक सोचता है एक लिखता है क्या कभी मै सोच सकूँगा की क्या कवि क... कवि और मै कवि और मै दो जिंदगी के छोर है एक सोचता है एक लिखता है क्या कभी मै सोच ...
निंदिया चुपके से, अँखियों में आ जा ना । माँ वाली लोरी तू , मुझको सुना जा ना ॥ निंदिया चुपके से, अँखियों में आ जा ना । माँ वाली लोरी तू , मुझको सुना जा ना ॥